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चाय या कॉफी


चाय या कॉफी भाग--33


दरवाजा आरती अब पूरी तरह से फ्रेश हो चुकी थी।

 उसके भीतर का तनाव भी खत्म हो चुका था।

 जस्टिन हमेशा की तरह मुस्कुराते हुए बाहर दरवाजे पर दस्तक  दिया ।
आरती ने दरवाजा खोला। सामने जस्टिन खड़ा था।

 हमेशा की तरह मुस्कुराते हुए।

आरती उसे देखकर ही खिल गई ।

"अरे जस्टिन !!सरप्राइजिंग...!! हाउ आर यू ?यू आर हियर ??"

उसने आश्चर्य से  पूछा।
 जस्टिन ने कहा 
"तुम ऑस्ट्रेलिया आ गई हो तो मेरा यह फर्ज बनता है कि मैं तुम्हारा हालचाल लूं। मैं तो कल ही आ रहा था पर मुझे लगा शायद तुम ना पसंद करो।"

" यह कैसी बातें कर रहे हो जस्टिन ?"

आरती ने उसका वेलकम करते हुए उसका हाथ पकड़कर अंदर कुर्सी पर बैठाते हुए कहा

" मैं तुम्हारे लिए ब्रेकफास्ट बनाती हूं।"

 जस्टिन--" ऑलरेडी मैंने तुम्हारे लिए ब्रेकफास्ट लेकर आया हूँ।"
 उसने एक पैकेट दिखाते हुए कहा ।आरती सरप्राइज्ड रह गई।

 उसने मुस्कुराते हुए पैकेट खोला।
 उसके अंदर उसका फेवरेट आलू के पराठे रखे थे।

 आरती आश्चर्य से भर गई। उसने जस्टिन से कहा

" आलू के पराठे यह तुम्हें कहां मिले जस्टिन?"

जस्टिन मुस्कुराते हुए बोला
"ढूंढने से तो गॉड भी मिल जाते हैं !आलू के पराठे क्या है?"

 आरती को सब्र नहीं हुआ। उसने पैकेट खोलकर खाना शुरु कर दिया ।

उसे खाते देख जस्टिन तृप्ति से भर गया ।
उसने कहा 

" मम्मी ने कहा था आरती की तबीयत ठीक नहीं है उसे जाकर घर का खाना खिलाना!"

" थैंक यू सो मच !आरती ने जस्टिन से कहा ।

जस्टिन मुस्कुराते हुए बोला

" मुझे नहीं मेरी मां को! बनाया तो उसी ने मैंने थोड़े ही बनाया  है।"

आरती दिल से जस्टिन की मां के प्रति कृतज्ञ हो गई।

 उसने कहा
" मैं दिल से नहीं भूल पाऊंगीयह सब। जब तक मेरी मम्मी थी, मुझे कोई चिंता नहीं थी ।

अब फिर से मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरी मां एक दूसरे रूप में वापस आ गई है।"

 इस बार जस्टिन की आंखें भीग गई।

 उसने कहा 
"श्योर वह तुम्हारी मम्मी ही है ।जो मेरी मां है वह तुम्हारी मम्मी भी तो होगी।

 मम्मी ने कहा है दिन का खाना वह खुद बना रही है ।वह दोपहर तक टिफिन पहुंचा देगी। जब तक तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है।

 तब तक तुम हमारे घर पर ही रेस्ट लो या तो हम तुम्हारे पास आकर रुकेंगे।"

 आरती ने कुछ नहीं कहा। सिर्फ सिर हिला दिया ।

उसकी भावना उसपर हावी हो रही थी। उसे ऐसा लग रहा था कि वह फूट-फूटकर रो देगी लेकिन वह अपनी भावनाओं को कंट्रोल किया और हाथ धोने के बहाने बेसिन में जाकर बातें आंसुओं को पानी की धार से धो दिया।

***

क्रमशः☺️
सीमा

©®

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1 Comments

Gunjan Kamal

15-Mar-2023 04:41 PM

शानदार भाग

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